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लेखनी प्रतियोगिता -24-Apr-2024

मेरा सच्चा इश्क तुम्हारा झूठा

क्यों इतनी दूर चली गई तुम
क्या मैं इतना बुरा था 
इश्क थी तुम मेरी 
जरूरत नहीं,
जो मेरा दिल तोड़ दिया था
एक वक्त था जब वक्त निकाल कर तुमसे बात करता,
जब तुम मुझे कॉल करती
आज जब मैं कॉल करता हूं तो तुम्हारे पास वक्त नहीं होता 
इश्क और दोस्ती में एक भरोसा होता है
जो तुमने धीरे-धीरे बिलकुल तोड़ दिया था
अब तुम बदल गई हो
क्या पता तुम्हे कोई और मिल गया होगा

मैं चाहूं तो हक जता सकता हूं की क्या अब वक्त नहीं मुझसे बात करने का, 
पर दिल कहता है नहीं हक उतना ही जताना जितना हो सकता है 

अब उस इंसान का क्या भरोसा जो विश्वास तोड़ सकता है अब उससे बात करने का दिल नहीं करता,
मैने वक्त को बदलते देखा है
आज तुम्हे भी बदलते देख लिया


खैर कोई बात नहीं एक नई जिंदगी की आगाज होगा
मेरा आने वाला कल का आगाज होगा 

तुम्हे शुक्रिया अदा करता हूं इतने दिन इश्क निभाने का 
खुदा करे वो सबकुछ मिले जो तुमने जिंदगी में चाहा होगा



~विशु किंग 






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4 Comments

SHAYAR VISHU KING

26-Apr-2024 12:35 AM

Thankyou

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Mohammed urooj khan

25-Apr-2024 11:42 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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Abhinav ji

25-Apr-2024 08:10 AM

Very nice👌

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